Ravindra Jadeja : आईसीसी टी20 वर्ल्ड कप 2024 की ऐतिहासिक जीत के बाद भारत के हरफनमौला खिलाड़ी रविन्द्र जडेजा ने टी20I से सन्यास का ऐलान कर दिया हैं. दरअसल ये खिलाड़ी अब सिर्फ वनडे और टेस्ट में ही खेलता दिखाई देगा लेकिन एक महत्वपूर्ण बात ये हैं पिछले काफी समय से सिमित ओवर क्रिकेट में उनका प्रदर्शन काफी फीका रहा हैं. यहाँ तक कि श्रीलंका के खिलाफ खेली जाने वाले वनडे सीरीज के लिए उन्हें टीम में नहीं चुना गया हैं.
टीम इंडिया के नए कोच गौतम गंभीर भविष्य की टीम बनाने में जुटे हैं. यही कारण हैं कि उन्होंने टीम में हर्षित राणा और रियान पराग जैसे खिलाड़ियों को मौके देने शुरू कर दिए हैं ऐसे में माना ये जा रहा हैं कि जडेजा का अब सिमित ओवर क्रिकेट करियर खत्म हो गया हैं. इन सब के बीच आज इस लेख में हम उन 3 कारणों के बारे में जानेगे. जिससे ये साबित होता हैं कि जडेजा ने खुद अपने ही पैर पर कुल्हाड़ी मारकर अपना करियर खराब किया हैं.
Ravindra Jadeja का तीनों फॉर्मेट में खेलने का लालच पड़ा भारी
इसमें कोई दोहराए नहीं रहा हैं कि रविंद्र जडेजा पिछले कई सालों से भारतीय टीम सर्वश्रेष्ठ स्पिन ऑलराउंडर रहे हैं. उन्होंने अपनी शानदार गेंदबाजी, जबरदस्त बल्लेबाजी और अद्भुत फील्डिंग से टीम को जीत दिलाई हैं लेकिन पिछले एक साल में बेहद ही बेरंग नजर आए हैं. इसके बावजूद उन्होंने लगातार तीनों फॉर्मेट का क्रिकेट खेला हैं. खराब फॉर्म के कारण लगातार खेलने के कारण वह अपने खेल पर संतुलन ही नहीं रख पाए.
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2) Ravindra Jadeja की बल्लेबाजी और गेंदबाजी में अब नहीं रही पहले जैसी बात
रविन्द्र जडेजा सिमित ओवर क्रिकेट में आखिरी बार टी20 वर्ल्ड कप 2024 में नजर आए थे. इस दौरान उन्होंने 8 मैचों में सिर्फ एक ही विकेट लिया और बल्ले से भी 35 रन बनाए. यही कारण हैं कि उन्हें टूर्नामेंट खत्म होने के बाद उन्हें मजबूरन संन्यास लेना पड़ा. टी20 ही नहीं बल्कि वनडे में भी उनका हाल कुछ ऐसा ही रहा हैं. यही कारण हैं कि अब टीम मैनेजमेंट अक्षर पटेल और वाशिंगटन सुंदर जैसे खिलाड़ियों पर ज्यादा भरोसा करने लगी हैं.
3) Ravindra Jadeja ने की टी20I संन्यास में देरी
रविंद्र जडेजा पिछले काफी समय से लगातार खराब फॉर्म में हैं. लेकिन फिर भी उन्होंने टी20 क्रिकेट खेलना जारी रखा. दरअसल देरी से टी20 संन्यास लेना उनके लिए भारी पड़ा. जिसके कारण वह सिमित ओवर क्रिकेट में जा बुरी तरह से एक्सपोज हो गए थे. उनके लिए सबसे बेकार बात ये रही कि वह लगातार फ्लॉप हो रहे थे जबकि अक्षर और सुंदर जैसे खिलाड़ियों ने लगातार प्रभावित किया. अगर वह टी20 से जल्दी संयास ले लेते तो शायद वनडे में उन्हें और भी खेलना का मौका मिल सकता था.